बिहार का ऐसा गाँव जो बना केंशर जोन प्रत्येक पांच व्यक्ति में लगभग एक व्यक्ति है केंशर पीड़ित

बिहार का ऐसा गाँव जो बना केंशर जोन प्रत्येक पांच व्यक्ति में लगभग एक व्यक्ति है केंशर पीड़ित


SAHARSA - सम्पूर्ण भारत में एक से एक केंसर का ईलाज करने हेतु हॉस्पिटल है। जबकि विदेशों में केंसर के ईलाज हेतु एक से एक शोध केंद्र एवं बड़े बड़े अस्पताल मौजूद है। लेकिन बिहार के सहरसा जिला अंतर्गत सत्तरकटैया प्रखंड में ऐसा माहौल है कि लगभग में हर घर में एक केंसर का मरीज है। यही नही हर दूसरे अथवा पांचवे दिन कहें तो कैंसर से एक न एक की मौत होती है और एक नया केंशर का मरीज बाहर निकल कर सामने आता है। जिले के सत्तरकटैया प्रखंड अंतर्गत सत्तर , सहरवा , मेनहा , खदीपुर , खोनहा , कटैया , सिहौल आदि में हर दिन एक नया मरीज केंशर वाला देखने को मिलता है। कोरोना को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवहान पर 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू लगा और उनके बाद कोरोना कहर बढ़ता गया और सरकार के गाइडलाइन के अनुसार लॉकडाउन भी बढ़ता गया। लेकिन इस अविधि में सबसे ज्यादा दिक्कत अगर किसी को हुआ तो वह सत्तरकटैया के इन केंसर पीड़ित मरीज को हुआ जो कहीं ईलाज करवाने नही जा सके।

किसी मरीज का महावीर केंसर संस्थान पटना , आईजीएमज़ पटना , टीएमसीएच मुंबई , एम्स दिल्ली एवं गुजरात के सूरत आदि जगहों पर इलाज चल रहा था। कोरोना के कारण गाड़ी बंद हो गयी और जिन केंशर मरीज को केमो चढ़ना था वह नही चढ़ पाया जिन को केंशर के प्रथम स्टेज की जानकारी प्राप्त हुई उनका बीमाड़ी बढ़ गया और इस प्रकार उस इलाके में कोरोना से एक मौत न होकर केंशर से लगभग एक दर्जन से अधिक मरीज की मौत हो गयी। आज भी सत्तरकटैया में मेनहा के दिलीप यादव , भूपेंद्र यादव , सीता देवी , पुनिता देवी , सूरज साह , राम नंदन यादव , सुनीता देवी , मोहम्द शमीम , नंद शर्मा आदि कितने केंशर मरीज है जो भारत के विभिन्न केंशर संस्थानों में अपना इलाज करवा रहे हैं। उस इलाके में विभिन्न तरहों के जांच भी किये गये लेकिन वहां के जांचों में ऐसा कुछ नही पाया गया जिससे यह पता चल सके कि केंशर काहे हो रहा है। जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि केंशर होने का मुख्य वजह तंबाकू , आर्सेनिक एवं यूरेनियम है इन में कारसोजेनिक पाया जाता है जिससे केंशर जैसी बीमाड़ी उत्पन्न हो सकती है। हालांकि अब तो यहां के लोग डरने लगे है हर दिन मीडिया से लेकर अधिकारी वर्ग और जनप्रतिधि घूम लेते है लेकिन देने को कोई नही आते और न सरकार के द्वारा कोई सुविधा उपलब्ध करवा पाई है। हाल ही में आईजीएमएस के जांच टीम जब यहां जांच में आया और लगभग 70 लोगों का जांच किया तो उसमें 35 लोगों में केंशर के प्रथमिकि लक्षण पाए गये। केंशर पीड़ित परिवार का हालात ऐसा है कि किसी की जमीन बिक गयी तो किसी को भाड़ी कर्ज का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सरकार इस और किया ध्यान देगी सरकार अपने कुर्शी बचाने और विधायक की खरीद विक्री में व्यस्त है। केंशर पीड़ित परिवार लालबहादुर ने बताया देश में केंशर ईलाज करने हेतु कई संस्थान है लेकिन बिहार के सहरसा जिले अंतर्गत यह सत्तर गाँव केंशर गाँव के नाम से व्यखायत होते जा रहा है। यहां कोरोना से मौत नही हो रही है लेकिन केंशर से मौत अनवरत जारी है। कोई सरकार , प्रशाशन इस और ध्यान नही दे रही है।

वहीं समाजसेवी पूर्व जीप सदस्य प्रवीण आनंद ने बताया यहां हर पांच व्यक्ति में से एक को केंशर जैसी बीमाड़ी है। यहां जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच किया तो सत्तर में 35 मरीजों के बीच केंशर के प्रथमिकि लक्षण पाए गए है। हमलोग मजबूर है कोई विकल्प नही है समाजसेवी एवं जनप्रतिधि होने के नाते पीड़ित परिवारों को सिर्फ सान्तवना देकर चले जाते है। एक सहरसा में एम्स जैसी संस्थान होने से लोगों में आस एवं उम्मीद थी लेकिन वह भी अब राजनीति की उपेक्षा का शिकार होकर दरभंगा चला गया। इस गाँव में ऐसे हालत है जिनका कल्पना करना बमुश्किल बहुत ही खराब है। दादा जी दरवाजे पर बैठे है और पोता का शव सामने से गुजर रहा है। केंशर से यहां जान गवाने वालों में राज्य स्तरीय फुटबॉल खिलाड़ी , क्रिकेट खिलाड़ी जैसी व्यक्ति है जिनकी मौत इन केंशर जैसी बीमाड़ी ने ले लिया। अब देखना होगा कि सरकार इन गाँव की कब सुधि लेते है अन्यथा वह दिन दूर नही जब जब हर दिन एक केंशर पीड़ित के शव को जलाया जाएगा और गाँव केंशर के धुएं में लील जायेगी।

राजीब झा -  सहरसा

Comments

  1. बहुत ही जटिल समस्या है आदरणीय स्वास्थ्य मंत्री तक आपकी बातों को पहुंचाने का प्रयास करेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि इन मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय लें ताकि और लोग इस काल के गाल में जाने से बच सके

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

RC और DL में तुरंत करें मोबाइल नंबर अपडेट नही तो होगा नुकसान

सरस्वती पूजा करने वाले ध्यान से एसपी साहब को सुनें

Purnia IG IPS Shivdeep Lande resigns