प्रवासी श्रमिकों का खाद्यान्न गटक गए डीलर

 प्रवासी श्रमिकों का खाद्यान्न गटक गए डीलर

प्रवासी श्रमिक वितरण पंजी का जांच के बाद हो पायेगा उद्भेदन

सहरसा -  जिले के सभी प्रखंडों में प्रधानमंत्री कल्याण योजना के तहत पंचायत के किसी एक जनवितरण प्रणाली विक्रेता को सरकार के द्वारा कोरोना काल में चावल मुहैया कराया गया था। यह चावल उन लोगों को मुफ्त देने के लिए सरकार द्वारा कहा गया जो बाहर से कोरोना काल में आये एवं उनको किसी तरह का राशन कार्ड उपलब्ध नही है। जब डीलरों को खाद्यान्न प्राप्त हो गया तो उनके यहां बहुत ही कम संख्या में प्रवासी श्रमिक पहुँचे जिनको खाद्यान्न प्राप्त हुआ लेकिन जो खाद्यान्न शेष रह गया उस खाद्यान्न को डीलर गटक गए और कागजी खानापूरी में उन खाद्यान्न का वितरण दिखा दिए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के लगभग सभी जन वितरण प्रणाली विक्रेता जिनको प्रवासी श्रमिक का खाद्यान प्राप्त हुआ था उनका जांच हो तो सब भेद खुल जायेगा। एक पत्र के अनुसार जिले के सत्तरकटैया प्रखंड अंतर्गत सिहौल पंचायत डीलर रेणु कुमारी को 52.16 क्विंटल चावल श्रमिकों को बांटने हेतु दिया गया। बारा पंचायत में रमेश यादव को 54.65 क्विंटल , पंचगछिया में रामचंद्र सिंह को 33.26  क्विंटल, हालांकि इनके यहां जांच हुआ और दोषी पाए गए तो इनके ऊपर प्रथमिकि भी दर्ज हुई। भेलवा पंचायत में सुभाष चंद्र शर्मा को 48.23  क्विंटल , पुरीख में अजय कुमार सिंह को 40.54 क्विंटल , रकिया में सोहन कुमार सिंह को 48.66 क्विंटल , सत्तर  पंचायत में सुखदेव यादव को 55.93 क्विंटल , बिहरा में बिनोद राय को 49.82 क्विंटल , बिजलपुर में गंगा यादव को 50.25 क्विंटल , ब्रह्शेर में उवर्शी कुमारी को 42.2 क्विंटल , बिशनपुर में उमेश यादव को 47.43 क्विंटल , पटोरी में बेचन कुमार राम को 49.25  क्विंटल , साहपुर में सुमित कुमार को 58.06 क्विंटल एवं ओकाही में कारी साह को 34.28  क्विंटल खाद्यान्न दिया गया। अगर इनके द्वारा वितरण किये गए प्रवासी श्रमिकों के वितरण की पंजी का जांच किया जाय तो सब भेद से पर्दा उठ जाएगा। अब देखना होगा कि विभाग जिले के तमाम प्रखंडों में प्राप्त इन खाद्यान्न का कब जांच शुरू करवाती है। 

राजीब झा -  सहरसा

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