परिवार नियोजन की ऑपरेशन के बाद मरीज को भेड़ बकरी की तरह ठंड में फर्स पर लिटाया
परिवार नियोजन की ऑपरेशन के बाद मरीज को भेड़ बकरी की तरह ठंड में फर्स पर लिटाया
सुपौल - वैश्विक महामारी कोरोना अभी ख़त्म भी नहीं हुआ है और सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था सरकार के वायदों और घोषणाओं की पोल खोल रही है। जिले के बड़े अनुमंडल की गिनती में आने वाले त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में मरीजों की बदहाली स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल रही है। इतना ही नहीं इस दौरान सरकार द्वारा जारी कोविड-19 के गाइड लाइनों का मज़ाक उड़ाया जा रहा है। यहाँ के मरीज तो दूर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर भी मास्क पहनना जरूरी नहीं मानते हैं ! दरअसल इस अस्पताल में देर रात परिवार नियोजन के ऑपरेशन करने के बाद महिला मरीजों को फर्श पर लेटाया जा रहा है मरीजों को इस कड़ाके की ठंड में बिना मास्क औऱ सोशल डिस्टेंस के जमीन पर लेटाया जा रहा है मरीजों के साथ आए परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन के बाद जगह नहीं मिलने पर जमीन पर ही लेटने को मजबूर हैं इस दौरान अस्पताल के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सुविधा मरीजों को नहीं दी जाती है। मामले में जब अस्पताल के इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डॉक्टर जेनरल फिजिशियन डॉक्टर उमेश कुमार मंडल भी व्यवस्था नहीं होने का हवाला देते नजर आए। अस्पताल में व्यवस्था की कमी रहने के कारण इतनी भीड़ है बेड पर जगह नहीं रहने के कारण फर्श पर लेटाया जा रहा है अस्पताल की प्रभारी मैडम ऑपरेशन करने के बाद अपने आवास पर चली गई है। कोविड-19 के गाइड लाइन का सवाल पर उन्होंने कहा कि लोगों को समझाने के बाद भी लोग मास्क नहीं पहनते हैं लेकिन इन सब के बीच हद तो तब हो गई जब लोगों को मास्क नहीं पहनने पर कोशने वाले डॉक्टर खुद अस्पताल में इतनी भीड़ रहने के बाबजूद बिना मास्क के देखे गए। मरीजों और उनके परिजनों के कारण अस्पताल में बढ़ी भीड़ के बीच बिना मास्क पहने इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर उमेश कुमार मंडल यहीं नहीं रुके उन्होंने मास्क पहनना भी जरूरी नहीं बताया। विभगिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में 54 महिलाओं का परिवार नियोजन का ऑपरेशन हुआ है ऑपरेशन करने के बाद सभी को बिना सुविधा के जमीन पर लेटा दिया गया। रास्ते हो या मीटिंग हॉल सभी के जमीन पर मरीज इस कड़ाके की ठंड में लेटने को मजबूर हैं। अस्पताल की यह व्यवस्था औऱ डॉक्टर के द्वारा कोविड 19 के गाइड लाइनों को हवा हवाई बताना सरकारी तंत्र के खोखले दावे की हकीकत बयां करना है!
सुभाष चंद्रा, सुपौल
Comments
Post a Comment