कोरोना संक्रमण को मात देने वाली 97 वर्षीय दादी माँ की कहानी उन्हीं की जुबानी
कोरोना संक्रमण को मात देने वाली 97 वर्षीय दादी माँ की कहानी उन्हीं की जुबानी
97 वर्ष में यह हौसला शायद ही किसी दादी माँ को होगा स्वतंत्रता सेनानी परिवार में यह हौसला आज भी बरकरार , कोरोना पीड़ितों को दादी माँ से लेनी चाहिए सिख
सहरसा - देश को आजद हुए सत्तर वर्षों से अधिक हो गया और इस देश की आजदी में कितनों ने कुर्बानी दी। लेकिन आज भी देश के प्रति समर्पित होने वाले परिवार का हौसला उतना ही बुलंद है। बात यह किसी आम की नही है देश के प्रति समर्पित स्वतंत्रता सेनानी स्व0 बाबु रामबहादुर सिंह के परिवार की है जहां आज भी वही हौसला एवं वही जज्बा बरकरार है। सम्पूर्ण दुनिया जहाँ आज के दौर में कोरोना जैसी महामारी से ग्रसित है एवं कितनों को यह संक्रमण ने अपने गाल में समा लिया है। वहां पूर्व सांसद आंनद मोहन की माँ गीता देवी ने घर पर रहकर कोरोना संक्रमण जैसी वायरस को मात दे दिया। कोरोना संक्रमण को कितनों ने मात दिया एवं कितने इनके चपेट में चले गए। लेकिन 97 वर्षीय गीता देवी का आज भी वह हौसला देखये जिन्होंने इस संक्रमण को मात दे दिया। कोरोना के विषय में कहा जाता है कि हमेशा साकारत्मक सोचें एवं इम्युनिटी सिस्टम आपका मजबूत होना चाहिए। गीता देवी का किया इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होगा जो 97 वर्ष की है लेकिन उनके अंदर आज भी वह जज्बा है जो कोरोना किया किसी भी चीज को मात दे सकती है।
गीता देवी
वर्षों से जेल की सलाखों में बंद है 97 वर्षीय गीता देवी का पुत्र पूर्व सांसद आनंद मोहन
कोरोना को मात देने वाली 97 वर्षीय दादी माँ का पुत्र पूर्व सांसद आंनद मोहन वर्षों से मंडल कारा सहरसा में कैद है। पूर्व सांसद आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णय्या हत्याकांड में सजा हुआ था जो आज तक वह जेल की सलाखों में है। ट्वीटर हैंडल से मिली जानकारी के अनुसार आनंद मोहन का सजा पूरा हो चुका है। बाबाजूद सत्ता के सिंहासन पर बैठे सरकार इनकी रिहाई पर विचार नही कर रही है। आनंद मोहन के कई भक्त आज भी राज्यसभा , लोकसभा , विधानसभा सहित कई विभाग के मंत्रिमंडल में मौजूद हैं। सांसद आंनद मोहन देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्रेध्य अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय में सांसद थे। लेकिन सिस्टम कहें या फिर सरकार जिन कारणों से आज तक आनंद मोहन जेल की सलाखों में कैद है। हालांकि कभी बिहार के मुखिया नीतीश कुमार भी इनके घरों पर पहुँच कर आनंद मोहन के नजदीकी का जिक्र किये थे। खैर आनंद मोहन के समर्थकों की माने तो आनंद मोहन उस परिवार से हैं जहां सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही। आनंद मोहन जेल की सलाखों में रहना पसंद कर सकते है लेकिन गलत सिस्टम से समझौता नही कर सकते। उनके परिवारों के प्रत्येक सदस्यों में देश और ईमानदारी के प्रति आज भी हौसला उतना ही बुलंद है जितना देश के आजादी के समय उनलोगों ने कुर्बानी दिया था। उनके परिवार में ऐसी बातें थी तभी तो महात्मा गांधी तक उनके घर पर पहुँचे थे। सांसद आंनद मोहन के पुत्र चेतन्य आनंद वर्तमान में शिवहर से राजद विधायक है। लेकिन कोरोना काल में स्वतंत्रता सेनानी परिवार के 97 वर्षीय दादी माँ गीता देवी के हौसला एवं जज्बा से सभी को सिख लेने की निहायत जरूरत है।
राजीब झा - सहरसा
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