विवाह निबंधन अनिवार्य ,पंचायतों में मुखिया होते हैं रजिस्टार - आलोक कुमार भारती
विवाह निबंधन अनिवार्य ,पंचायतों में मुखिया होते हैं रजिस्टार - आलोक कुमार भारती
सहरसा - जिला बाल संरक्षण इकाई सुपौल व कौशिकी समाज, भूमिका विहार एवं सीएसीटी बिहार के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को जिला स्तरीय बिहार विवाह निबंधन नियमावली 2006 के क्रियान्वयन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का अध्यक्षता सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा शशि कुमार एवं मंच संचालन कौशिकी समाज के सचिव भगवान जी पाठक ने किया। कार्यशाला के रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए भगवान पाठक ने कहा कि यह कार्यक्रम जिला स्तरीय विवाह निबंधन की जानकारी तथा जन प्रतिनिधियों की भूमिका को आम जनों तक पहुचाना मूल उद्देश्य है ताकि हर तबके के लोग विवाह निबंध करा सके। बिहार विवाह निबंधन नियमावली 2006 का शत-प्रतिशत अनुपालन हो इस उद्देश्य से किया गया है। सहायक निदेशक शशि कुमार ने जनप्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विवाह निबंधन होने से हमारे समाज के लिए अभिशाप बन चुके बाल विवाह ,मानव व्यापार, ट्रैफिकिंग, झूठी शादी (फेक मैरिज) इत्यादि को रोकने में शत-प्रतिशत सफलता मिलेगी। इसीलिए यह कार्यक्रम हर गांव पंचायतों तक पहुचे यही हम सब का उद्देश्य है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई सुपौल आलोक कुमार भारती ने कहा कि विवाह का निबंधन अधिकाधिक संख्या में होने से बच्चों से जुड़ी बहुत सी समस्याओं का समाधान होगा।उन्होंने कहा कि विवाह निबंध से बाल विवाह जैसे कुरीतियों पर अंकुश लगेगा और झूठी शादियाँ रुकेगी। बाल संरक्षण पदाधिकारी भाष्कर कश्यप ने कहा कि विवाह निबंधन से ऑनर किलिंग पर रोक लगेगा साथ ही बाहर से जो लोग विवाह करने आते हैं, अगर निबंधन अनिवार्य हो जाए तो फेक दूल्हा का पहचान होगा। जिससे ट्रैफिकिंग रुकेगी और दहेज प्रथा पर भी रोक लग सकेगा।
अधिवक्ता प्रदीप कुमार झा ने कहा कि बाहर के जो लोग आते हैं अधेड़ उम्र के और पैसे का प्रलोभन देकर चुपके से विवाह करके चले जाते हैं ऐसे में मुखिया जी को संवेदनशील होना होगा और अपने क्षेत्र अंतर्गत सभी विवाहों का निबंधन करवाना होगा। उपस्थित जन प्रतिनिधि ने संबोधित करते हुए अपने अपने वक्तव्य में कहा कि इस इस नियमावली के बने 16 साल हो चुका है परंतु अभी तक इसका क्रियान्वयन सही रूप से नहीं हो सका l उन्होंने उपस्थित वार्ड सदस्यों, उप मुखिया, सरपंच, पंचायत के बुद्धिजीवियों तथा गणमान्य व्यक्तियों को बिहार विवाह निबंधन नियमावली 2006 के प्रारूप को विस्तृत रूप से बतलाया तथा फॉर्म भरने और संलग्न करने वाले प्रमाणपत्रों, कागजातों की जानकारी उपलब्ध लोगों को दी ताकि सभी लोग इस नियमावली का शत-प्रतिशत अनुपालन करवाकर विवाह का निबंधन करवाएं। उन्होंने इस तरह के कार्यक्रम आयोजन करने के लिए भूमिका विहार एवं जिला बाल संरक्षण इकाई को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया। वक्ताओं ने कहा यह अभियान को चलाए जाने की ताकि हर जोड़े का विवाह का निबंधन अनिवार्य रूप से लागू हो सके। कार्यशाला में भाग लिए मुखिया राजेश कुमार ने कहा कि उन्हें जो रजिस्ट्रार के रूप में विवाह निबंधन का अधिकार मिला है उनका शत-प्रतिशत प्रयोग करना. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए टीएसएन के बिपिन बिहारी ने कहा कि जागरूकता का उद्देश्य समस्या का समाधान होना है, जनप्रतिनिधि जनता से ज्यादा संपर्क में रहते हैं उन्हें इन बातों को गांव तक पहुंचाना चाहिए ताकि गांव में लोग जान पाए कि विवाह निबंधन के क्या-क्या फायद हैं। कार्यक्रम को अधिवक्ता ईश्वर चंद्र मिश्र ,बरुन सोनू के अलावे बिभिन्न पंचायत से आए मुखिया ,पंचायत समिति, विभिन्न वार्डों के वार्ड सदस्य, विकास मित्र, शिक्षक, मुखिया प्रतिनिधि पंचायत सचिव तथा अन्य गणमान्य लोगों ने भी ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में उपस्थित सभी जन प्रतिनिधियों को बिहार विवाह निबंधन नियमावली 2006 की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई गई। अंत में धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यशाला विधिवत रूप से समाप्त किया गया।
राजीब झा - सहरसा
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